Poonia4india : अपने बच्चों को प्यार के साथ-साथ सही दिशा भी जरूर दे !!!

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जीवन में प्रेम प्यार और इन्सानियत को जगह दो न की गुस्सा , नफरत और गलत विचारों को... !!!

Poonia4india : अपने बच्चों को प्यार के साथ-साथ सही दिशा भी जरूर दे !!!

दोस्तों आपसे प्रार्थना है की आप इसे कहानी को पढ़े और अपने बच्चो को भी पढने के लिये बताये…
एक युवा व्यक्ति एक बड़ी कंपनी में मैनेजरियल पद के लिये आवेदन करने जाता है.
वह प्रारंभिक साक्षात्कार में सफल हो जाता है, अब वह अंतिम साक्षात्कार के अध्यक्ष से मिलता है.
अध्यक्ष को उसके CV से पता चलता है की उसकी अकादमिक उपलब्धिया बहोत अच्छी है.
वह पूछता है, स्कूल में क्या तुम्हे कोई शिष्यवृत्ति मिली है….?
लड़का जवाब देता है, “नहीं”. 

अध्यक्ष पूछता है, “तुम्हारी स्कूल फीस कौन भरता था…?”
वह जवाब देता है, “माता-पिता”.
अध्यक्ष पूछता है, “वे कहा काम करते है….?”
लड़का जवाब देता है, “वे कपडे धोने का काम करते है.”
अध्यक्ष उस लड़के से अपने हातो को दिखाने के लिये कहता है
लड़का अपने दोनों हात दिखाता है उसके दोनों हात मुलायम और साफ़ थे.
अध्यक्ष हातो को देखकर कहता है की, “क्या तुमने कभी अपने पिता की कपडे धोने में मदद की?”
लड़का जवाब देता है, “कभी नही, मेरे पिता हमेशा से चाहते थे की मै पढाई करू और ज्यादा से ज्यादा किताबे पढू.
जबकि मेरे पिता मुझसे भी जल्दी कपडे धोते है.”
अध्यक्ष कहता है, “मेरी एक प्रार्थना है.
आज जब तुम घर जाओगे, तो अपने माता-पिता के हात जरुर साफ़ करना, और फिर अगली सुबह देखना.
लड़का उदास हो गया था.
जब वह घर वापिस गया, तो उसने अपने पिता से उसे उनके हात साफ़ करने देने के लिये कहा.
उसके पिता को ये सुनकर आश्चर्य हुआ, खुश भी हुए लेकिन समझ नही पा रहे थे की क्या प्रतिक्रिया करे.
उन्होंने अपने हात अपने बेटे को दिखाए.
लड़का धीरे-धीरे उनके हात साफ़ करने लगा.
जैसे-जीसे वह साफ़ करता गया उसकी आँखों से आँसू बहने लगे थे.
पहली बार उसने जाना था की उनके हातो पर मुहासे हो गये और उनके हातो में काफी घाव भी है.
कुछ घाव काफी बड़े थे इसलिए जब भी वह उन्हें छूता उसके माता-पिता को दर्द होता था.
आज पहली बार उस लड़के को इस बात का अहसास हुआ की ये वही हात है जो स्कूल की फीस देने के लिये कपडे धोते थे.
उनके हातो पर आये घाव अपने बेटे की शिक्षा का ही परिणाम था.
अपने माता-पिता के हातो को साफ़ करने के बाद, लड़के ने उनके सारे कपडे चुपचाप धो दिए.
उस रात, लड़के के माता-पिता ने अपने बेटे से काफी देर तक बाते की.
अगली सुबह, लड़का अध्यक्ष के ऑफिस गया.
अध्यक्ष ने लड़के की आँखों में आसू देखे, और पूछा :
“क्या तुम मुझे बता सकते हो की कल तुमने क्या-क्या किया और सिखा….?”
लड़का जवाब देता है,
मैंने अपने माता-पिता के हातो को साफ़ किया, और मैंने बचे हुए सारे कपडे भी धोये.”
“उनके योगदान को आज मै जानता हु.
उनके बिना आज मै यहाँ नही होता….”
मेरे माता-पिता के हातो को देखकर ही आज मुझे इस बात का अहसाह हुआ की मेरी पढाई की उन्हें कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी.
अध्यक्ष कहता है,
“इसी बात को मै अपने मेनेजर में देखना चाहता था.
मै उस इंसान को जॉब देना चाहता था जो लोगो के काम की सराहना करे, एक ऐसा इंसान चाहता था जो लोगो के दर्द को समझे, और जो अपने साथ लोगो के भले के बारे में भी सोचे.”
“तुम सफल हुए”
एक बच्चा, जिसे माता-पिता बहोत प्यार करते है, उसे जब भी जो भी चाहिये कही से भी लाकर देते है. उसकी ख़ुशी और भविष्य के लिये अपने सुखो का त्याग करते है. ऐसे माता-पिताओ का हमें सम्मान करना चाहिये.
हर माता पिता यही चाहते है की उनका बच्चा बड़े घर में रहे, अच्छा खाना खाये, पियानो सीखे, बड़ी टीवी देखे…..
लेकिन,
जब आप घास काटते हो, पौधों को पानी देते हो, घर की सफाई करते हो और बर्तन धोते हो तो कृपया करके उन्हें भी आपकी महेनत और उनके प्रति जो प्यार है उनका अनुभव होने दे.
इसलिए नही की आपके पास कोई नौकर रखने के लिए पैसे नही है बल्कि इसलिए की उन्हें बताया जाये की आप उनसे कितना प्यार करते है.
आपको उन्हें समझाना होगा, ये कोई मायने नही रखता की आप कितने अमीर हो, आपको अपने बच्चे को सही दिशा में ले जाना होगा.
आपको अपने बच्चो को दूसरो के महेनत की सराहना करना सिखाना होगा और दूसरो के दर्द और उनकी तकलीफों को समझने लायक बनाना होंगा.
जितना हो सके इस कहानी को आगे बढाइये…….. यह किसी ना किसी का रवैया जरुर बदलेगी…

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