संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने स्कीन बैंक के लिए दिये 40 लाख रुपए : एमएसजी 2 फिल्म की कमाई में से मिला ख़ुद के मेहनताना से !!

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जीवन में प्रेम प्यार और इन्सानियत को जगह दो न की गुस्सा , नफरत और गलत विचारों को... !!!

संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने स्कीन बैंक के लिए दिये 40 लाख रुपए : एमएसजी 2 फिल्म की कमाई में से मिला ख़ुद के मेहनताना से !!


पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने वर्ष 2016 की सुपरहिट , ब्लाक बॉस्टर मूवी 'एमएसजी-2 द मैसेंजर से मिले मेहनताने को स्कीन बैंक के निर्माण के लिए दे दिए। 
पूज्य गुरुजी ने रविवार को सत्संग के दौरान मेहनताने के रूप में मिले 40 लाख रुपए के चैक को चिकित्सकों की टीम को प्रदान किया। 

वर्णनीय है कि इससे पूर्व एमएसजी द मैसेंजर फिल्म से मिले 40 लाख रुपए के मेहनताने को भी पूज्य गुरु जी ने थैलीसिमिया पीडित बच्चों के इलाज के लिए प्रदान किए थे। 

पूज्य गुरुजी के इस अनुकरणीय कार्य पर सत्संग पंडाल में उपस्थित साध संगत ने खड़े होकर तालियां बजाकर खुशी का इजहार किया।
 उल्लेखनीय है कि पूज्य गुरुजी ने एमएसजी 2 द मैसेंजर फिल्म की लांचिंग के दौरान घोषणा की थी कि वे इस फिल्म से मिलने वाले मेहनताने को स्कीन बैंक के लिए देंगे, जहां से एसिड अटैक पीडि़तों का इलाज हो सकेगा।

सत्संग के दौरान पूज्य गुरुजी ने  नामशब्द प्रदान  कर उन्हें बुराइयां त्यागने का संकल्प करवाया।
 श्रद्धालुओं को अपने पावन वचनों से लाभांवित करते हुए पूज्य गुरुजी ने कहा कि इंसान जितनी मांगे रखता है पूरी मालिक कर भी दे तो हजार मांगे और रख देता है। 
कई ऐसे भी होते हैं जो एक रहमत पाकर भी संतुष्ट होते हैं। इंसान इंसान में फर्क होता है। इंसान इंसान से मिलता है तो इच्छाएं होती है लेकिन जब भक्त, आशिक गुरु से मिलते हैं तो सभी इच्छाएं तबाह फनाह हो जाती है,
 बस एक ही इच्छा रह जाती है कि तूं ही मिले। ऐसे आशिक ना मरते हैं और ना मिटते हैं उनका नाम दो जहां में अमर हो जाता है। 

पूज्य गुरुजी ने कहा कि इंसान जब तन , मन, धन से दुखी होता है तो परमात्मा शहद सा लगता है और जब तीनों चीजों से सुखी होता है तो मालिक घर के लगे दरवाजे जैसा लगता है। उन्होंने कहा कि कभी सुख में खो ना जाओ और कभी दुख में हद से ज्यादा रो ना जाओ। समय के साथ साथ जो बहता है वही फायदा उठाता है, जो छाती तानकर समय के सामने खड़ा रहता है वही बराबरी कर सकता है। समय बलवान घोड़ा है वो किसी को नहीं छोड़ता। पूज्य गुरुजी ने कहा कि इंसान तभी मालिक की खुशियों, दया-मेहर के लायक बन सकता है जब वह समय की भाषा को पहचान लेता है। समय की पहचान के लिए पूजनीय साईं मस्ताना जी महाराज ने ये सच्चा सौदा बनाया , यहां आओ समय में से समय निकालकर पूरी जिंदगी को बेशकीमती बना लो।
 पूज्य गुरुजी ने कहा कि सत्संग में संत समझाते रहते हैं , जिदंगी से रूबरू करवाते रहते हैं। संतों का काम परम पिता परमात्मा की औलाद के लिए काम करना होता है। सबके लिए भला मांगना और भला करना होता है। जो सुनते वहीं दुनियां का भला करते हैं तो मालिक भी उनका भला जरूर करता है। उन्होंने कहा कि जो अपने में खोया रहता है वो मालिक की रहमत से दूर होता चला जाता है। दुनियां के तामझाम में मालिक को मत भूलो। ईश्वर की भक्ति में लगो, मालिक का नाम जपो, इससे वो खुशियां मिलेेंगी , जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की होती। वो इतना देता है, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं होता। वो अब छप्पड़ फाड़कर नहीं देता बल्कि लैंटर लगाकर देता है और देता ही जाता है।

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